INDICATORS ON SHIV CHALISA LYRICS IN BENGALI YOU SHOULD KNOW

Indicators on shiv chalisa lyrics in bengali You Should Know

Indicators on shiv chalisa lyrics in bengali You Should Know

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पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

Shri Shiv Chalisa is very important mainly because it retains an unconditional hymn that is dedicated to Lord Shiva. While in the chalisa, you can find forty verses that praise and invoke the blessings of Lord Shiva. The Chalisa performs as a connector to attach devotees towards the divine Electrical power of Lord Shiva and take his pilotage, blessings, and protections.

प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।

थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

अर्थ: हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने वाले भगवान शिव आपकी जय हो, आप सदा संतो के प्रतिपालक रहे हैं। आपके मस्तक पर छोटा सा चंद्रमा शोभायमान है, आपने कानों में नागफनी के कुंडल डाल रखें हैं।

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

शिवाष्टकम एक शक्तिशाली मंत्र है। ऐसा कहा जाता है कि शिवाष्टक का पाठ करने से आपको  जीवन में आने वाली बाधाओं का सामना करने के लिए साहस प्रदान करता है। यह स्तोत्र विश्व के सभी लोगों के बीच भी काफी  लोकप्रिय है जो “प्रभुं प्राणनाथंम् विभुं विश्वनाथंम्” से शुरू होता है।

अर्थ- हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार check here लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

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